राजधानी दिल्ली में छठ पूजा के मौके पर श्रद्धालु यमुना नदी के जहरीले पानी में डुबकी लगाने को मजबूर हैं. यमुना नदी के घाट पर जहरीले झाग आ गए हैं. इन झागों को कम करने और घाट किनारे आने से रोकने के लिए कवायद जारी है. आज दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना घाट के किनारे पानी का छिड़काव किया है, जिससे झाग घाट पर न आएं.
पानी का छिड़काव जारी
दिल्ली जल बोर्ड के एक कर्मचारी ने बताया कि यमुना नदी में जहरीले झाग को घाट पर आने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इससे पहले कालिंदी कुंज में बैरिकेड लगाए गए.
दिल्ली सरकार ने उतारीं 15 नांव
यमुना में बन रहे झाग को हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने 15 नांव झाग को हटाने के काम पर लगाई हैं. दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने मिलकर ये फैसला लिया है. दो-दो नांवों के बीच रस्सी बांधकर झाग को हटाने का काम किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुधवार को छठ पूजा से पहले श्रद्धालुओं को यमुना नदी में स्नान करने से त्वचा की जलन और इसके जहरीले झाग से एटॉपिक डर्मेटाइटिस को लेकर चेताया है. आरएमएल अस्पताल में त्वचा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. कबीर सरदाना ने कहा कि नदी के जहरीले झाग में नहाने से त्वचा सूख सकती है और गंभीर एक्जिमा हो सकता है. औद्योगिक प्रदूषकों के कारण यमुना नदी में अमोनिया और फॉस्फेट का स्तर खतरनाक दर से बढ़ रहा है, जिससे कई स्थानों पर पानी में खतरनाक झाग बन रहा है.
पानी का छिड़काव जारी
दिल्ली जल बोर्ड के एक कर्मचारी ने बताया कि यमुना नदी में जहरीले झाग को घाट पर आने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इससे पहले कालिंदी कुंज में बैरिकेड लगाए गए.
दिल्ली सरकार ने उतारीं 15 नांव
यमुना में बन रहे झाग को हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने 15 नांव झाग को हटाने के काम पर लगाई हैं. दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने मिलकर ये फैसला लिया है. दो-दो नांवों के बीच रस्सी बांधकर झाग को हटाने का काम किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुधवार को छठ पूजा से पहले श्रद्धालुओं को यमुना नदी में स्नान करने से त्वचा की जलन और इसके जहरीले झाग से एटॉपिक डर्मेटाइटिस को लेकर चेताया है. आरएमएल अस्पताल में त्वचा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. कबीर सरदाना ने कहा कि नदी के जहरीले झाग में नहाने से त्वचा सूख सकती है और गंभीर एक्जिमा हो सकता है. औद्योगिक प्रदूषकों के कारण यमुना नदी में अमोनिया और फॉस्फेट का स्तर खतरनाक दर से बढ़ रहा है, जिससे कई स्थानों पर पानी में खतरनाक झाग बन रहा है.
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