कौन होते हैं एसिंप्टोमेटिक पेशंट?
एसिंप्टोमेटिक पेशंट किसी भी बीमारी या इंफेक्शियस डिजीज (Infectious Disease) से ग्रसित वे लोग होते हैं, जिन्हें बीमारी तो हो चुकी होती है. लेकिन इसके लक्षण इनमें दिखाई नहीं देते हैं. इस बारे में विश्वव स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि एसिंप्टोमेटिक पेशंट ऐसे वायर के ऐसे कैरियर होते हैं, जो लैबोरेट्री से कंफर्म्ड केस होते हैं. लेकिन इनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे होते. यानी व्यक्ति कोरोना का मरीज बन गया है, दूसरे लोगों में भी कोरोना फैल रहा है, लेकिन खुद उसे ना फीवर होता है और ना ही सांस लेने में कोई दिक्कत होती है. जबकि उसके संपर्क में आने से कोविड पॉजिटिव हुए लोगों में ये समस्याएं हो सकती हैं.
ओमिक्रोन के बारे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक बार अगर ओमिक्रोन फैलना शुरू हो गया तो ये जल्दी ही कम्युनिटी स्प्रेड का रूप ले लेगा. क्योंकि इस वायरस से पीड़ित 70 प्रतिशत पेशंट्स में बीमारी के लक्षण ही नजर नहीं आ रहे हैं. यानी ये सभी एसिंप्टोमेटिक पेशंट हैं. जबकि इनकी वजह से दूसरे लोग तेजी से वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
यह भी पढ़ें: हर समय अकेलापन लगता है, रोना आता है? इस मानसिक स्थिति को न करें अनदेखा
इसलिए डरा रहा है ओमिक्रोन
ओमिक्रोन को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट इसलिए अधिक चिंतित हैं और लोगों को बार-बार सतर्क रहने के लिए कह रहे हैं. क्योंकि ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक कोरोना के किसी भी अन्य वेरिऐंट में इतनी बड़ी संख्या में एसिंप्टोमेटिक पेशंट नहीं मिले हैं, जितने की ओमिक्रोन में मिल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, 3 जनवरी तक मुंबई में ओमिक्रोन के जितने भी केस सामने आए हैं, इनमें 90 प्रतिशत मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं.
4 जनवरी तक जारी हुए अलग-अलग हेल्थ डेटा के अनुसार, ताजा लहर में देश के अंदर ओमिक्रोन के 37, 379 केस दर्ज हुए हैं तो कोविड-19 के 1,892 केस सामने आए हैं. जबकि बीते 24 घंटे में कोरोना के कारण 124 मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ी है.
बचाव के तरीके
आप अगर एसिंप्टोमेटिक पेशंट हैं तो जाहिर है आपको नहीं पता कि ओमिक्रोन ने आपको घेर लिया है. इसलिए अपने परिवार और बच्चों की सुरक्षा के लिए आप कुछ खास टिप्स को जरूर फॉलो करें. फिर चाहे आप संक्रमित हैं या नहीं.
मास्क हर समय पहनना है
सोशल डिस्टेंस का पालन करना है
डाइट का पूरा ध्यान रखें
कोई भी सामान छूने से पहले और छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज जरूर करें
खुद सर्दी-जुकाम से बचाकर रखें
बच्चों को भी हाइजीन का महत्व सिखाएं
कुछ भी खाने से पहले हाथ साबुन या हैंडवॉश से धोकर साफ करें
एसिंप्टोमेटिक पेशंट किसी भी बीमारी या इंफेक्शियस डिजीज (Infectious Disease) से ग्रसित वे लोग होते हैं, जिन्हें बीमारी तो हो चुकी होती है. लेकिन इसके लक्षण इनमें दिखाई नहीं देते हैं. इस बारे में विश्वव स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि एसिंप्टोमेटिक पेशंट ऐसे वायर के ऐसे कैरियर होते हैं, जो लैबोरेट्री से कंफर्म्ड केस होते हैं. लेकिन इनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे होते. यानी व्यक्ति कोरोना का मरीज बन गया है, दूसरे लोगों में भी कोरोना फैल रहा है, लेकिन खुद उसे ना फीवर होता है और ना ही सांस लेने में कोई दिक्कत होती है. जबकि उसके संपर्क में आने से कोविड पॉजिटिव हुए लोगों में ये समस्याएं हो सकती हैं.
ओमिक्रोन के बारे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक बार अगर ओमिक्रोन फैलना शुरू हो गया तो ये जल्दी ही कम्युनिटी स्प्रेड का रूप ले लेगा. क्योंकि इस वायरस से पीड़ित 70 प्रतिशत पेशंट्स में बीमारी के लक्षण ही नजर नहीं आ रहे हैं. यानी ये सभी एसिंप्टोमेटिक पेशंट हैं. जबकि इनकी वजह से दूसरे लोग तेजी से वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
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इसलिए डरा रहा है ओमिक्रोन
ओमिक्रोन को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट इसलिए अधिक चिंतित हैं और लोगों को बार-बार सतर्क रहने के लिए कह रहे हैं. क्योंकि ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक कोरोना के किसी भी अन्य वेरिऐंट में इतनी बड़ी संख्या में एसिंप्टोमेटिक पेशंट नहीं मिले हैं, जितने की ओमिक्रोन में मिल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, 3 जनवरी तक मुंबई में ओमिक्रोन के जितने भी केस सामने आए हैं, इनमें 90 प्रतिशत मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं.
4 जनवरी तक जारी हुए अलग-अलग हेल्थ डेटा के अनुसार, ताजा लहर में देश के अंदर ओमिक्रोन के 37, 379 केस दर्ज हुए हैं तो कोविड-19 के 1,892 केस सामने आए हैं. जबकि बीते 24 घंटे में कोरोना के कारण 124 मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ी है.
बचाव के तरीके
आप अगर एसिंप्टोमेटिक पेशंट हैं तो जाहिर है आपको नहीं पता कि ओमिक्रोन ने आपको घेर लिया है. इसलिए अपने परिवार और बच्चों की सुरक्षा के लिए आप कुछ खास टिप्स को जरूर फॉलो करें. फिर चाहे आप संक्रमित हैं या नहीं.
मास्क हर समय पहनना है
सोशल डिस्टेंस का पालन करना है
डाइट का पूरा ध्यान रखें
कोई भी सामान छूने से पहले और छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज जरूर करें
खुद सर्दी-जुकाम से बचाकर रखें
बच्चों को भी हाइजीन का महत्व सिखाएं
कुछ भी खाने से पहले हाथ साबुन या हैंडवॉश से धोकर साफ करें
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- Asia
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