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जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद एमसीडी की तरफ से अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने ब्रेक लगा दी है. कोर्ट ने फिलहाल याथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. अब इस मामले पर गुरुवार को फिर से सुनवाई होगी. इससे पहले, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद देश के कई राज्यों में चल रहे बुलडोज़र एक्शन के खिलाफ अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने सबसे पहले इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में रखा. उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से कार्रवाई हो रही है और नोटिस भी नहीं दिया. इसके बाद CJI ने कहा कि फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखी जाए.
इकबाल सिंह बोले- SC के आदेश का करेंगे पालन
वहीं दूसरी तरफ, नगर निगम की तरफ से अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर रोक पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि वे आदेश का पालन करेंगे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और उसके हिसाब से एक्शन लेंगे. उन्होंने आगे बताया कि हमने फिलहाल अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई रोक दी है.
बुलडोजर को लेकर ओवैसी का हमला
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने के फैसले को 'बीजेपी का गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान बताया है'. साथ ही इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजेरीवाल की भूमिका को संदिग्ध बताया है. असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा है, "बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. बीजेपी अतिक्रमण के नाम पर यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी घरों को तबाह करने जा रही है. कोई नोटिस नहीं, अदालत जाने का मौका नहीं. बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की सजा देना है. अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका को स्पष्ट करना चाहिए. क्या उनकी सरकार का पीडब्ल्यूडी इस 'विध्वंस अभियान' का हिस्सा है? क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें इस तरह के विश्वासघात और कायरता के लिए ही उन्हें वोट दिया था? उनका बार-बार बचना और ये कहना कि 'पुलिस हमारे नियंत्रण में नहीं है' यहां काम नहीं करेगा. अपने ट्वीट के अंत में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, निराशाजनक स्थिति."
इससे पहले, जहांगीरपुरी में मस्जिद के अगल-बगल में उसी रोड पर अतिक्रमण हटाया जा रहा था, जिस सड़क पर हिंसा हुई थी. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है. इसके साथ ही, पूरे इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है. मौके पर पहुंचे स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने बताया था कि एमसीडी का जो भी अतिक्रमण हटाओ अभियान होगा, हम उसमें सहायता करेंगे. हमारा रोल कानून व्यवस्था मेंटेन करना और उसके अनुसार पर्याप्त फोर्स मुहैया कराने का है. हमने आज इस ड्राइव को देखते हुए पर्याप्त इंतजाम किए हैं. किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए हमारी पुख्ता तैयारी है.
गौरतलब है कि शनिवार को हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा के दौरान दो समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी. इसमें दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ आम लोग घायल हुए थे. उसके बाद पुलिस ने अब तक नाबालिग समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. इसके बाद नॉर्थ दिल्ली नगर निगम की तरफ से चिट्ठी लिखकर जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण हटाने की इजाजत मांगी गई थी.
जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद एमसीडी की तरफ से अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने ब्रेक लगा दी है. कोर्ट ने फिलहाल याथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. अब इस मामले पर गुरुवार को फिर से सुनवाई होगी. इससे पहले, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद देश के कई राज्यों में चल रहे बुलडोज़र एक्शन के खिलाफ अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने सबसे पहले इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में रखा. उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से कार्रवाई हो रही है और नोटिस भी नहीं दिया. इसके बाद CJI ने कहा कि फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखी जाए.
इकबाल सिंह बोले- SC के आदेश का करेंगे पालन
वहीं दूसरी तरफ, नगर निगम की तरफ से अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर रोक पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि वे आदेश का पालन करेंगे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और उसके हिसाब से एक्शन लेंगे. उन्होंने आगे बताया कि हमने फिलहाल अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई रोक दी है.
बुलडोजर को लेकर ओवैसी का हमला
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने के फैसले को 'बीजेपी का गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान बताया है'. साथ ही इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजेरीवाल की भूमिका को संदिग्ध बताया है. असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा है, "बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. बीजेपी अतिक्रमण के नाम पर यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी घरों को तबाह करने जा रही है. कोई नोटिस नहीं, अदालत जाने का मौका नहीं. बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की सजा देना है. अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका को स्पष्ट करना चाहिए. क्या उनकी सरकार का पीडब्ल्यूडी इस 'विध्वंस अभियान' का हिस्सा है? क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें इस तरह के विश्वासघात और कायरता के लिए ही उन्हें वोट दिया था? उनका बार-बार बचना और ये कहना कि 'पुलिस हमारे नियंत्रण में नहीं है' यहां काम नहीं करेगा. अपने ट्वीट के अंत में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, निराशाजनक स्थिति."
इससे पहले, जहांगीरपुरी में मस्जिद के अगल-बगल में उसी रोड पर अतिक्रमण हटाया जा रहा था, जिस सड़क पर हिंसा हुई थी. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है. इसके साथ ही, पूरे इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है. मौके पर पहुंचे स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने बताया था कि एमसीडी का जो भी अतिक्रमण हटाओ अभियान होगा, हम उसमें सहायता करेंगे. हमारा रोल कानून व्यवस्था मेंटेन करना और उसके अनुसार पर्याप्त फोर्स मुहैया कराने का है. हमने आज इस ड्राइव को देखते हुए पर्याप्त इंतजाम किए हैं. किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए हमारी पुख्ता तैयारी है.
गौरतलब है कि शनिवार को हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा के दौरान दो समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी. इसमें दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ आम लोग घायल हुए थे. उसके बाद पुलिस ने अब तक नाबालिग समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. इसके बाद नॉर्थ दिल्ली नगर निगम की तरफ से चिट्ठी लिखकर जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण हटाने की इजाजत मांगी गई थी.
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