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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक बार फिर कोरोना (Coronavirus) के मामलों में इजाफा हो रहा है. वहीं वीकेंड में टेस्टिंग में गिरावट के साथ कोविड -19 की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) सोमवार को 7.72% तक पहुंच गई. गौरतलब है कि शनिवार को जहां 12 हजार 270 कोविड-19 टेस्ट किए गए थे तो वहीं रविवार को केवल 6 हजार 492 टेस्ट किए गए. इसके बावजूद शहर में 501 मामले दर्ज किए गए. जिसके बाद राजधानी में एक्टिव केस की संख्या 1,729 तक पहुंच गई.
शहर के अस्पतालो में 81 मरीजों की भर्ती हुई
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए डाटा से पता चला है कि शहर के अस्पतालों में कोविड -19 रोगियों के लिए मौजूद कुल 9,735 बेड्स में से सिर्फ 81 (0.83%) पर मरीजों की भर्ती हुई थी. उनमें से 41 संदिग्ध मामले हैं और 40 कोरोना के मरीज. इनमें से नौ मरीज आईसीयू में थे, 12 ऑक्सीजन सपोर्ट पर और एक को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी.
गंभीर बीमारी वाले बुजुर्गों को पड़ रही एडमिट करने की जरूरत
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि निश्चित रूप से कोविड -19 रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन वे सभी घर पर ठीक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि " कोरोना का सबसे आम लक्षण खांसी, सर्दी और हल्का बुखार हैं, जो थोड़े समय के लिए रहता है और इसके लिए किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती है. हमने पिछले कुछ दिनों में छह अस्पतालों में केवल चार कोविड मरीज की भर्ती की हैं."
लोगों के वैक्सीनेटेड होने की वजह से लहर कम नुकसानदायक- डॉक्टर
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक फोर्टिस हेल्थकेयर के ग्रुप हेड (मेडिकल स्ट्रैटेजी एंड ऑपरेशंस) डॉ बिष्णु पाणिग्रही ने कहा कि मोटापे, हाइपरटेंशन, डायबिटीज और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को इसका खतरा अधिक होता है. उन्होंने कहा कि. "लेकिन कुल मिलाकर कोविड -19 की वर्तमान लहर लोगों में गंभीर बीमारी का कारण नहीं लगती है. इसके पीछे एक कारण वैक्सीनेशन है,"
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक बार फिर कोरोना (Coronavirus) के मामलों में इजाफा हो रहा है. वहीं वीकेंड में टेस्टिंग में गिरावट के साथ कोविड -19 की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) सोमवार को 7.72% तक पहुंच गई. गौरतलब है कि शनिवार को जहां 12 हजार 270 कोविड-19 टेस्ट किए गए थे तो वहीं रविवार को केवल 6 हजार 492 टेस्ट किए गए. इसके बावजूद शहर में 501 मामले दर्ज किए गए. जिसके बाद राजधानी में एक्टिव केस की संख्या 1,729 तक पहुंच गई.
शहर के अस्पतालो में 81 मरीजों की भर्ती हुई
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए डाटा से पता चला है कि शहर के अस्पतालों में कोविड -19 रोगियों के लिए मौजूद कुल 9,735 बेड्स में से सिर्फ 81 (0.83%) पर मरीजों की भर्ती हुई थी. उनमें से 41 संदिग्ध मामले हैं और 40 कोरोना के मरीज. इनमें से नौ मरीज आईसीयू में थे, 12 ऑक्सीजन सपोर्ट पर और एक को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी.
गंभीर बीमारी वाले बुजुर्गों को पड़ रही एडमिट करने की जरूरत
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि निश्चित रूप से कोविड -19 रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन वे सभी घर पर ठीक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि " कोरोना का सबसे आम लक्षण खांसी, सर्दी और हल्का बुखार हैं, जो थोड़े समय के लिए रहता है और इसके लिए किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती है. हमने पिछले कुछ दिनों में छह अस्पतालों में केवल चार कोविड मरीज की भर्ती की हैं."
लोगों के वैक्सीनेटेड होने की वजह से लहर कम नुकसानदायक- डॉक्टर
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक फोर्टिस हेल्थकेयर के ग्रुप हेड (मेडिकल स्ट्रैटेजी एंड ऑपरेशंस) डॉ बिष्णु पाणिग्रही ने कहा कि मोटापे, हाइपरटेंशन, डायबिटीज और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को इसका खतरा अधिक होता है. उन्होंने कहा कि. "लेकिन कुल मिलाकर कोविड -19 की वर्तमान लहर लोगों में गंभीर बीमारी का कारण नहीं लगती है. इसके पीछे एक कारण वैक्सीनेशन है,"
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- Asia
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