प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को जापान की राजधानी टोक्यो में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों पर बात करते हुए कहा कि जापान भारत की विकास यात्रा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. पीएम ने वहां मौजूद प्रवासी भारतीयों से कहा कि जब भी मैं जापान आता हूं, तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है. पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें-
1. दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर चलना चाहिये
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों और उनके बताए गए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि यही वह रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती को पार कर सकता है. चाहे वह हिंसा, अराजकता, आतंकवाद या क्लाइमेट चेंज हो. इन सभी चुनौतियों से मानवता को बचाने का यही एक रास्ता है.
2. स्वामी विवेकानंद के मन पर जापान का गहरा प्रभाव
पीएम नरेंद्र मोदी ने जापान के लोगों की देशभक्ति, आत्मविश्वास और स्वच्छता के प्रति उनकी जागरूकता के लिए उनकी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे, तो उससे पहले वो जापान भी आए थे. जापान ने उनके मन-मस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा था.
3. भारत और जापान हैं नेचुरल पार्टनर
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान नेचुरल पार्टनर हैं. भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है. जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है. जापान से हमारा रिश्ता सामर्थ्य का है, सम्मान का है, विश्व के लिए साझे संकल्प का है. जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, बोद्ध का है, ज्ञान का है, ध्यान का है.
4. काशी में जापान के सहयोग से बना रुद्राक्ष
भारत के काशी में जापान के सहयोग से रुद्राक्ष बना है. संबोधन में पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र 'रुद्राक्ष' प्राचीन काशी की सांस्कृतिक समृद्धि की झलक प्रस्तुत करेगा. इस केंद्र में 108 रुद्राक्ष लगाए गए हैं और इसकी छत शिवलिंग के आकार में बनाई गई है.
5. भारत ने 100 से अधिक देशों को भेजी वैक्सीन
पीएम आगे कहते हैं कि, "जब वैक्सीन्स उपलब्ध हुईं तब भारत ने 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं. कोरोना से दुनिया के सामने 100 साल का सबसे बड़ा संकट पैदा हुआ. ये जब शुरू हुआ तो किसी को पता नहीं था कि आगे क्या होगा. किसी को ये पता तक नहीं था कि इसकी वैक्सीन आएगी भी या नहीं आएगी. लेकिन भारत ने उस समय भी दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं. WHO ने भारत की आशा बहनों को Director Generals- Global Health Leaders Award से सम्मानित किया है. भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं."
6. 'जलवायु संकट को लेकर भारत कर रहा काम'
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान बताया कि भारत पर्यावरण के मामले में वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लिए जलवायु संकट अहम संकट बन गया है. भारत में हमने इस चुनौती को देखा भी और इसके स्थायी समाधान के लिए रास्ते खोजने की दिशा में भी हम आगे बढ़े. पीएम ने कहा कि हमने साल 2070 कर नेट जीरो के लिए प्रतिबद्धता जताई है. हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे वैश्विक संगठन का नेतृत्व भी कर रहे हैं.
1. दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर चलना चाहिये
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों और उनके बताए गए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि यही वह रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती को पार कर सकता है. चाहे वह हिंसा, अराजकता, आतंकवाद या क्लाइमेट चेंज हो. इन सभी चुनौतियों से मानवता को बचाने का यही एक रास्ता है.
2. स्वामी विवेकानंद के मन पर जापान का गहरा प्रभाव
पीएम नरेंद्र मोदी ने जापान के लोगों की देशभक्ति, आत्मविश्वास और स्वच्छता के प्रति उनकी जागरूकता के लिए उनकी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे, तो उससे पहले वो जापान भी आए थे. जापान ने उनके मन-मस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा था.
3. भारत और जापान हैं नेचुरल पार्टनर
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान नेचुरल पार्टनर हैं. भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है. जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है. जापान से हमारा रिश्ता सामर्थ्य का है, सम्मान का है, विश्व के लिए साझे संकल्प का है. जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, बोद्ध का है, ज्ञान का है, ध्यान का है.
4. काशी में जापान के सहयोग से बना रुद्राक्ष
भारत के काशी में जापान के सहयोग से रुद्राक्ष बना है. संबोधन में पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र 'रुद्राक्ष' प्राचीन काशी की सांस्कृतिक समृद्धि की झलक प्रस्तुत करेगा. इस केंद्र में 108 रुद्राक्ष लगाए गए हैं और इसकी छत शिवलिंग के आकार में बनाई गई है.
5. भारत ने 100 से अधिक देशों को भेजी वैक्सीन
पीएम आगे कहते हैं कि, "जब वैक्सीन्स उपलब्ध हुईं तब भारत ने 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं. कोरोना से दुनिया के सामने 100 साल का सबसे बड़ा संकट पैदा हुआ. ये जब शुरू हुआ तो किसी को पता नहीं था कि आगे क्या होगा. किसी को ये पता तक नहीं था कि इसकी वैक्सीन आएगी भी या नहीं आएगी. लेकिन भारत ने उस समय भी दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं. WHO ने भारत की आशा बहनों को Director Generals- Global Health Leaders Award से सम्मानित किया है. भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं."
6. 'जलवायु संकट को लेकर भारत कर रहा काम'
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान बताया कि भारत पर्यावरण के मामले में वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लिए जलवायु संकट अहम संकट बन गया है. भारत में हमने इस चुनौती को देखा भी और इसके स्थायी समाधान के लिए रास्ते खोजने की दिशा में भी हम आगे बढ़े. पीएम ने कहा कि हमने साल 2070 कर नेट जीरो के लिए प्रतिबद्धता जताई है. हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे वैश्विक संगठन का नेतृत्व भी कर रहे हैं.
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