जबलपुर.यह कहानी है मातृ भूमि का ऋण चुकाने एक युवा उद्यमी के मास्को में जमे-जमाये व्यापार और लक्जरी लाइफ को छोड़कर वतन वापस लौट आने की.जबलपुर के मूल निवासी विवेक गोस्वामी ने जब 2013 में वतन वापसी की थी तो उनके मन में अपने देश के किये कुछ करने का जज्बा था.
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में विवेक कहते है कि, "मैं शुरू से फार्मा सेक्टर में था.मुझे लगता था कि जो दवाई और उपकरण अमेरिका,यूरोप और चीन से आते है,उन्हें भारत में क्यों नहीं बनाया जा सकता? और जब देश लौटा तो यह संकल्प लिया कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'मेक इन इंडिया' का सपना उनका (विवेक का) अपना भी सपना होगा."
जबलपुर में जन्मे विवेक गोस्वामी की हायर एजुकेशन मास्को में हुई और पढ़ाई के बाद रूस को ही उन्होंने अपना कर्म क्षेत्र बना लिया.लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने की एक टीस सदा उनके मन मे थी.फिर एक संकल्प लेकर करीब 23 साल बाद उन्होंने वतन वापसी की.वापस आने के बाद उन्होंने शुरुआत में तो भारत में दवाईयां और मेडिकल उपकरण बनाकर रूस के साथ सीआईएस कंट्री (रूस से टूटकर बने 16 देश) में निर्यात शुरू किया.इसी बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान से प्रभावित होकर खुद की फैक्ट्री भी शुरू करने का प्लान बना लिया.आज तीन साल की मेहनत के बाद युवा उद्यमी विवेक गोस्वामी की डिस्पोजेबल मेडिकल डिवाइस का प्रोडक्शन करने वाली फैक्ट्री कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है.
जबलपुर के इंडस्ट्रियल एरिया उमरिया-डुंगरिया में विवेक गोस्वामी ने कोविड से उत्पन्न विपरीत हालातों से बाहर निकलते हुए फैक्ट्री का निर्माण अब पूर्ण कर लिया है.अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर उन्होंने एक सपने के साथ फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू करने का फाइनल काउंट डाउन स्टार्ट कर दिया है.अंतराष्ट्रीय मापदंडों के हिसाब से बनी इस फैक्ट्री में सबसे पहले आई वी कैनुला का प्रोडक्शन शुरू होगा.
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एबीपी न्यूज़ से बातचीत में विवेक कहते है कि, "मैं शुरू से फार्मा सेक्टर में था.मुझे लगता था कि जो दवाई और उपकरण अमेरिका,यूरोप और चीन से आते है,उन्हें भारत में क्यों नहीं बनाया जा सकता? और जब देश लौटा तो यह संकल्प लिया कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'मेक इन इंडिया' का सपना उनका (विवेक का) अपना भी सपना होगा."
जबलपुर में जन्मे विवेक गोस्वामी की हायर एजुकेशन मास्को में हुई और पढ़ाई के बाद रूस को ही उन्होंने अपना कर्म क्षेत्र बना लिया.लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने की एक टीस सदा उनके मन मे थी.फिर एक संकल्प लेकर करीब 23 साल बाद उन्होंने वतन वापसी की.वापस आने के बाद उन्होंने शुरुआत में तो भारत में दवाईयां और मेडिकल उपकरण बनाकर रूस के साथ सीआईएस कंट्री (रूस से टूटकर बने 16 देश) में निर्यात शुरू किया.इसी बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान से प्रभावित होकर खुद की फैक्ट्री भी शुरू करने का प्लान बना लिया.आज तीन साल की मेहनत के बाद युवा उद्यमी विवेक गोस्वामी की डिस्पोजेबल मेडिकल डिवाइस का प्रोडक्शन करने वाली फैक्ट्री कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है.
जबलपुर के इंडस्ट्रियल एरिया उमरिया-डुंगरिया में विवेक गोस्वामी ने कोविड से उत्पन्न विपरीत हालातों से बाहर निकलते हुए फैक्ट्री का निर्माण अब पूर्ण कर लिया है.अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर उन्होंने एक सपने के साथ फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू करने का फाइनल काउंट डाउन स्टार्ट कर दिया है.अंतराष्ट्रीय मापदंडों के हिसाब से बनी इस फैक्ट्री में सबसे पहले आई वी कैनुला का प्रोडक्शन शुरू होगा.
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