मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस की ‘युवा ब्रिगेड’ एक के बाद एक बिखरती चली जा रही है जो कभी राहुल गांधी की खास मानी जाती थी. मंगलवार को आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. यही नहीं चुनावी तैयारियों के बीच कुछ महीने पहले जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था और वह फिलहाल राज्य सरकार में मंत्री हैं.
आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के सवाल पर आज सचिन पायलट (Sachin Pilot) एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी बहुत पुरानी पार्टी है और चुनाव से पहले कई नेता आए और गए लेकिन अंत में लोग विचारधारा, इतिहास और नीति को देखते हैं. कौन नेता किस पार्टी में जाता है ये उनका व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है लेकिन हम लड़ रहे हैं जीतने के लिए.
आरपीएन सिंह (RPN Singh) के अब कांग्रेस बदल गई है वाले बयान पर पायलट ने कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन हमको लड़ना पड़ेगा. उस मुद्दे को लेकर कहीं कोई मतभेद नहीं है.
कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के लिए गाजियाबाद पहुंचे सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने खुद के भी बीजेपी में जाने की खबरों को किया खारिज. उन्होंने कहा, ''ये जो लोग सवाल पूछते हैं उन्हें मालूम नहीं मैं किस तरह का आदमी हूं.''
सचिन पायलट ने कहा कि गाजियाबाद के लोग, छोटे दुकानदार पीड़ित हैं आर्थिक संकट से. लोग बदलाव चाहते हैं. CM ने 80/20 की बात की, क्योंकि विकास में, आर्थिक तरक्की, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सबमें फेल रहे हैं.
बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले प्रमुख युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला मार्च 2020 में उस समय हुआ जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह बीजेपी का दामन थाम लिया.
केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय सिंधिया, पायलट, प्रसाद, आरपीएन सिंह और मिलिंद देवड़ा वे चंद युवा नेता थे जिन्हें राहुल गांधी की ‘युवा ब्रिगेड’ की संज्ञा दी जाती थी. आज इनमें से पायलट और देवड़ा ही कांग्रेस में रह गए हैं.
पिछले साल ही महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया. इससे पहले झारखंड में अजय कुमार, हरियाणा में अशोक तंवर और त्रिपुरा में प्रद्युत देव बर्मन जैसे युवा नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. अजय कुमार की अब कांग्रेस में वापसी हो चुकी है.
आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने के सवाल पर आज सचिन पायलट (Sachin Pilot) एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी बहुत पुरानी पार्टी है और चुनाव से पहले कई नेता आए और गए लेकिन अंत में लोग विचारधारा, इतिहास और नीति को देखते हैं. कौन नेता किस पार्टी में जाता है ये उनका व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है लेकिन हम लड़ रहे हैं जीतने के लिए.
आरपीएन सिंह (RPN Singh) के अब कांग्रेस बदल गई है वाले बयान पर पायलट ने कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन हमको लड़ना पड़ेगा. उस मुद्दे को लेकर कहीं कोई मतभेद नहीं है.
कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के लिए गाजियाबाद पहुंचे सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने खुद के भी बीजेपी में जाने की खबरों को किया खारिज. उन्होंने कहा, ''ये जो लोग सवाल पूछते हैं उन्हें मालूम नहीं मैं किस तरह का आदमी हूं.''
सचिन पायलट ने कहा कि गाजियाबाद के लोग, छोटे दुकानदार पीड़ित हैं आर्थिक संकट से. लोग बदलाव चाहते हैं. CM ने 80/20 की बात की, क्योंकि विकास में, आर्थिक तरक्की, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सबमें फेल रहे हैं.
बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले प्रमुख युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला मार्च 2020 में उस समय हुआ जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह बीजेपी का दामन थाम लिया.
केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय सिंधिया, पायलट, प्रसाद, आरपीएन सिंह और मिलिंद देवड़ा वे चंद युवा नेता थे जिन्हें राहुल गांधी की ‘युवा ब्रिगेड’ की संज्ञा दी जाती थी. आज इनमें से पायलट और देवड़ा ही कांग्रेस में रह गए हैं.
पिछले साल ही महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया. इससे पहले झारखंड में अजय कुमार, हरियाणा में अशोक तंवर और त्रिपुरा में प्रद्युत देव बर्मन जैसे युवा नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. अजय कुमार की अब कांग्रेस में वापसी हो चुकी है.
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