पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है. इस बीच राज्य कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने कहा है कि आज पंजाब में सबसे बड़ा मुद्दा कोई है तो वो है विश्वास का. बेहाल पंजाब जो उल्टी राह पर चला, माफिया की राह पर चला उसको सीधी राह पर लाने का जो एजेंडा है यही आम आदमी को भी भाता है.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम घोषणापत्र में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) ने अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल तक मैं लड़ता रहा. मुझे पहले ही एक साल में घर बैठा दिया गया और मुझे जिन्होंने घर बैठाया आज वही घर बैठे हैं. जिस सीएम ने दरवाजे बंद किए, उसके लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं. वो मुख्यमंत्री था ही नहीं हमारा. हमारे 78 विधायक थे लेकिन हमारा मुख्यमंत्री नहीं था. हमारा सीएम बीजेपी के हाथों में था.
उन्होंने आगे कहा, ''वो पंजाब के लिए नहीं था. अपने परिवार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री बना रहना चाहता था. आज भी वो लोगों को हराना चाहता है और सिद्धू पंजाब को जीताना चाहता है.'' नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस (अमरिंदर सिंह) पर निशाना साधते हुए कहा, ''बीजेपी के साथ इतना प्रेम कैसे होने लगा? बीजेपी ने जालंधर में दफ्तर खोला है. उन्होंने विधायकों को एक मैसेज भेजा है. उन्होंने मैसेज में कहा है कि आ जाओ जालंधर नहीं तो कर देंगे अंदर. ईडी का डर दिखाया जा रहा है.''
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''मुझे राज्यसभा इसलिए दी गई क्योंकि कोशिश थी की सिद्धू पंजाब में नहीं आए. अगर मैं तगड़े नेता को कहूं कि तुम गुजरात नहीं जाओगे तो क्या ये संभव है? पब्लिक सब जानती है. मैं अपनी जड़ के साथ जुड़ना चाहता था.'' सिद्धू बीजेपी में रह चुके हैं.
सीएम का चेहरा कौन?
उन्होंने मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल पर कहा, ''मैंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को वचन दिया है कि मैं आपके नेतृत्व में लड़ता रहूंगा. मेरी कोई शर्त नहीं है. मैं तीन ऐसी सरकार का भागीदार था, जिसमें चुनाव के समय मैं आगे था. जब चुनाव खत्म हुए सिद्धू शो-पीस. पंजाब के लोग मुख्यमंत्री तय करेंगे. मुझे अगर पदों का लालच होता तो छह इस्तीफे नहीं देते. कांग्रेस हाईकमान है तभी पार्टी चल रही है.''
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस का राज्य में नेतृत्व कर रहे होते तो मैं आपको लिखकर देता हूं कि अगर कांग्रेस 10 सीटें भी जीत जाती तो मेरा नाम बदल देते. मैं अगर सवाल करता हूं तो अस्तित्व को दांव पर लगाकर बात करता है. उन्होंने कहा कि पिछली बार 1000 पन्नों का मैनिफेस्टो था, जो पूरा नहीं हो पाया. आज हमने अगर नई कहानी नहीं लिखी तो चूक होगी. कांग्रेस को कांग्रेस ही हरा सकती है. एकजुट रहने पर कोई नहीं हरा सकता. वर्कर हताश नहीं हो, यही हमारी कोशिश है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने का फैसला विधायक दल की बैठक में हुआ था. मेरा इस्तीफा किसलिए था? क्या अपने फायदे के लिए मैंने किया?
पाकिस्तान के मुद्दे पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब कैप्टन साहब पाकिस्तान जाते थे और आठ आठ दिन रहकर आते थे. अपने मेहमान भी साथ लाते थे. सुल्तान घोड़े पर आते थे. मैं उसके बारे में कहना नहीं चाहता. जब बादल साहब पाकिस्तान जाते थे तो पेडू लेकर आते थे. मैं सिर्फ एक बार गया. सिद्धू गया तो 72 साल की अरदास पूरी हुई. ये फर्क है सिद्धू और अन्य में.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम घोषणापत्र में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) ने अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल तक मैं लड़ता रहा. मुझे पहले ही एक साल में घर बैठा दिया गया और मुझे जिन्होंने घर बैठाया आज वही घर बैठे हैं. जिस सीएम ने दरवाजे बंद किए, उसके लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं. वो मुख्यमंत्री था ही नहीं हमारा. हमारे 78 विधायक थे लेकिन हमारा मुख्यमंत्री नहीं था. हमारा सीएम बीजेपी के हाथों में था.
उन्होंने आगे कहा, ''वो पंजाब के लिए नहीं था. अपने परिवार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री बना रहना चाहता था. आज भी वो लोगों को हराना चाहता है और सिद्धू पंजाब को जीताना चाहता है.'' नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस (अमरिंदर सिंह) पर निशाना साधते हुए कहा, ''बीजेपी के साथ इतना प्रेम कैसे होने लगा? बीजेपी ने जालंधर में दफ्तर खोला है. उन्होंने विधायकों को एक मैसेज भेजा है. उन्होंने मैसेज में कहा है कि आ जाओ जालंधर नहीं तो कर देंगे अंदर. ईडी का डर दिखाया जा रहा है.''
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''मुझे राज्यसभा इसलिए दी गई क्योंकि कोशिश थी की सिद्धू पंजाब में नहीं आए. अगर मैं तगड़े नेता को कहूं कि तुम गुजरात नहीं जाओगे तो क्या ये संभव है? पब्लिक सब जानती है. मैं अपनी जड़ के साथ जुड़ना चाहता था.'' सिद्धू बीजेपी में रह चुके हैं.
सीएम का चेहरा कौन?
उन्होंने मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल पर कहा, ''मैंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को वचन दिया है कि मैं आपके नेतृत्व में लड़ता रहूंगा. मेरी कोई शर्त नहीं है. मैं तीन ऐसी सरकार का भागीदार था, जिसमें चुनाव के समय मैं आगे था. जब चुनाव खत्म हुए सिद्धू शो-पीस. पंजाब के लोग मुख्यमंत्री तय करेंगे. मुझे अगर पदों का लालच होता तो छह इस्तीफे नहीं देते. कांग्रेस हाईकमान है तभी पार्टी चल रही है.''
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस का राज्य में नेतृत्व कर रहे होते तो मैं आपको लिखकर देता हूं कि अगर कांग्रेस 10 सीटें भी जीत जाती तो मेरा नाम बदल देते. मैं अगर सवाल करता हूं तो अस्तित्व को दांव पर लगाकर बात करता है. उन्होंने कहा कि पिछली बार 1000 पन्नों का मैनिफेस्टो था, जो पूरा नहीं हो पाया. आज हमने अगर नई कहानी नहीं लिखी तो चूक होगी. कांग्रेस को कांग्रेस ही हरा सकती है. एकजुट रहने पर कोई नहीं हरा सकता. वर्कर हताश नहीं हो, यही हमारी कोशिश है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने का फैसला विधायक दल की बैठक में हुआ था. मेरा इस्तीफा किसलिए था? क्या अपने फायदे के लिए मैंने किया?
पाकिस्तान के मुद्दे पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब कैप्टन साहब पाकिस्तान जाते थे और आठ आठ दिन रहकर आते थे. अपने मेहमान भी साथ लाते थे. सुल्तान घोड़े पर आते थे. मैं उसके बारे में कहना नहीं चाहता. जब बादल साहब पाकिस्तान जाते थे तो पेडू लेकर आते थे. मैं सिर्फ एक बार गया. सिद्धू गया तो 72 साल की अरदास पूरी हुई. ये फर्क है सिद्धू और अन्य में.
- Category
- Asia
- Tags
- abp news hindi, abp hindi, news in hindi
Sign in or sign up to post comments.
Be the first to comment