देश के विभिन्न प्रांतों में किसानों की अलग अलग समस्याएं है लेकिन तस्वीर लगभग एक सी. महाराष्ट्र के किसान तो सरकारी उपेक्षा इस कदर आक्रोशित हुए कि उन्हें पैदल मार्च शुरु करना पड़ा. हालांकि जब किसानो का ये विरोध बढ़ने लगा तो महाराष्ट्र सरकार बैकफुट पर आई और किसानों की समस्या के हल की बात कही जा रही है. सवाल ये जब किसानो ने भरी हुंकार तभी घुटने पर क्यों आई सरकार. किसानों के लिए पहले से कोई व्यवस्था क्यों नहीं की जाती. अन्नदाताओं के लिए कोई दूरगामी परियोजना क्यों नहीं तैयार की जाती. कुल मिलाकर किसान किसान तो सब करें लेकिन किसान की सुने ना कोई वाला हाल है
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- Asia
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- Eknath Shinde, Farmer's Protest, Farmers Protest
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