#UPElection2022 #GhoshnaPatra #KeshavPrasadMaurya
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने उन्हें उनकी जन्मस्थली कौशाम्बी की सिराथू सीट टिकट दिया है. वो सिराथू से ही 10 साल पहले विधायक बने थे. इसके बाद से ही उनका सियासी कैरियर लगातार सफलता के सातवें आसमान की तरफ बढ़ता गया.
सिराथू में फिर कमल खिला पाने में कामयाब हो पाएंगे केशव
सिराथू सीट कभी बीएसपी का मजबूत गढ़ हुआ करती थी, लेकिन 2012 में केशव मौर्य ने ही यहां पहली बार कमल खिलाया था. यहां कराए गए विकास के कामों और सियासी समीकरणों को देखते हुए केशव मौर्य सिराथू से इस बार रिकार्ड वोटों से जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष जिस तरह घेरेबंदी कर उन्हें घर में ही रोके रखने की रणनीति पर काम कर रहा है, उससे कहा जा सकता है अपने घर के किले को फतह करना उनके लिए कतई आसान नहीं होगा.
कौशाम्बी की सिराथू सीट 2012 के चुनाव से पहले अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी. यहां 1993 से 2007 तक बीएसपी ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी. 2012 के चुनाव से पहले यहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. दस साल पहले नए परिसीमन में यह सीट सामान्य हो गई. इसके बाद बीजेपी के टिकट पर केशव प्रसाद मौर्य ने दांव आजमाया. केशव प्रसाद मौर्य ने न सिर्फ किसी चुनाव में पहली जीत हासिल की थी, बल्कि सिराथू में पहली बार कमल भी खिलाया था. उन्होंने जिन हालात में सपा और बसपा को मात देकर इतिहास रचा था, वह उनके सियासी कैरियर में मील का पत्थर साबित हुआ. साल 2012 में यहां से विधायक बनने के बाद से ही कामयाबी केशव के कदम चूमने लगी. विधायक रहते हुए ही वह फूलपुर से सांसद चुने गए. सांसद रहते वह यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने. साल 2017 में ही केशव की अगुवाई में बीजेपी ने सवा तीन सौ सीट जीतकर इतिहास रचा तो चुनाव नतीजों के बाद वह डिप्टी सीएम बन गए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने उन्हें उनकी जन्मस्थली कौशाम्बी की सिराथू सीट टिकट दिया है. वो सिराथू से ही 10 साल पहले विधायक बने थे. इसके बाद से ही उनका सियासी कैरियर लगातार सफलता के सातवें आसमान की तरफ बढ़ता गया.
सिराथू में फिर कमल खिला पाने में कामयाब हो पाएंगे केशव
सिराथू सीट कभी बीएसपी का मजबूत गढ़ हुआ करती थी, लेकिन 2012 में केशव मौर्य ने ही यहां पहली बार कमल खिलाया था. यहां कराए गए विकास के कामों और सियासी समीकरणों को देखते हुए केशव मौर्य सिराथू से इस बार रिकार्ड वोटों से जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष जिस तरह घेरेबंदी कर उन्हें घर में ही रोके रखने की रणनीति पर काम कर रहा है, उससे कहा जा सकता है अपने घर के किले को फतह करना उनके लिए कतई आसान नहीं होगा.
कौशाम्बी की सिराथू सीट 2012 के चुनाव से पहले अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी. यहां 1993 से 2007 तक बीएसपी ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी. 2012 के चुनाव से पहले यहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. दस साल पहले नए परिसीमन में यह सीट सामान्य हो गई. इसके बाद बीजेपी के टिकट पर केशव प्रसाद मौर्य ने दांव आजमाया. केशव प्रसाद मौर्य ने न सिर्फ किसी चुनाव में पहली जीत हासिल की थी, बल्कि सिराथू में पहली बार कमल भी खिलाया था. उन्होंने जिन हालात में सपा और बसपा को मात देकर इतिहास रचा था, वह उनके सियासी कैरियर में मील का पत्थर साबित हुआ. साल 2012 में यहां से विधायक बनने के बाद से ही कामयाबी केशव के कदम चूमने लगी. विधायक रहते हुए ही वह फूलपुर से सांसद चुने गए. सांसद रहते वह यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने. साल 2017 में ही केशव की अगुवाई में बीजेपी ने सवा तीन सौ सीट जीतकर इतिहास रचा तो चुनाव नतीजों के बाद वह डिप्टी सीएम बन गए.
- Category
- Asia
- Tags
- abp news live, abp live, abp news
Sign in or sign up to post comments.
Be the first to comment