असम के करीब 27 जिले के 6 लाख से ज्यादा लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं. इस बार भी असम में बाढ़ के कारण कई लोगों की जान चली गई है. 48 हजार से ज्यादा लोगों को 248 राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा चुका है. वहीं होजाई और काचर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. असम में लगातार बारिश के बाद कई स्थानों पर भूस्खलन और जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. जिस कारण पहाड़ी इलाकों में रेलवे ट्रैक, पुलों और सड़क संचार को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं दीमा हसाओ में न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर बाढ़ के कारण फंसी एक यात्री ट्रेन को पटरी से ही उतर गई. बाढ़ के कारण हाफलोंग रेलवे स्टेशन का हाल बेहद खराब है. रेलवे स्टेशन मलबे में तब्दील हो चुका है. पहाड़ों की गोद में बसा हाफलोंग रेलवे स्टेशन बाढ़ के कहर का सबसे बड़ा प्रमाण है. हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पूरी तरह से नदी या फिर मलबे में तब्दील हो चुके हैं. यहां ट्रेन फंसी है और JCB द्वारा मिट्टी को निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. लेकिन इस प्रक्रिया में खराब मौसम के कारण खलल पड़ रहा है. मलबा निकालने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है. राहत अभियान के तहत होजाई जिले के 2 हजार से ज्यादा लोगों को आर्मी की तरफ से निकाला जा चुका है. असम सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण बराक घाटी के राज्य के अन्य हिस्सों से कट जाने के बाद वहां फंसे यात्रियों को निकालने के लिए क्षेत्रीय कंपनी फ्लाईबिग एयरलाइन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
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