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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारत के अगले सेना प्रमुख बनने जा रहे हैं. इस बीच नागपुर में उनके बचपन के दोस्तों ने खुशी जाहिर की है. मनोज पांडे नागपुर के हैं और उनका कक्षा 11 वीं तक की पढ़ाई नागपुर के केंद्रीय विद्यालय से हुई है. उसके बाद मनोज पांडे पहले एनडीए और उसके बाद इंडियन मिलिट्री एकेडमी में चले गए. वहीं से उनका उनका शिक्षण और प्रशिक्षण पूरा हुआ. उन्हें इंग्लैंड के मिलिट्री कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त करने का भी अवसर प्राप्त हुआ. उन्होंने हायर कमांड और नेशनल डिफेंस कॉलेज से भी पढ़ाई की. अपने सैन्य करियर के दौरान उन्होंने कई अहम अभियानों में हिस्सा लिया.
मनोज पांडे के दोस्तों ने जाहिर की खुशी
बालमित्र दिलीप आठले उनके साथ नर्सरी से जुड़े रहे हैं. दिलीप आठले के मुताबिक बचपन से ही मनोज पांडे पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद के क्षेत्र में भी अव्वल थे. लेकिन मित्रों के समूह में मनोज पांडे मित्रता निभाने वाले और सभी को हंसाने वाले दोस्त के रुप में आज भी जाने जाते हैं. दिलीप आठले का कहना है कि मनोज पांडे के मजाकिया स्वभाव की वजह से स्कूल में कई बार ज्यादा हंसने के लिए उनके समूह को शिक्षकों की मार भी खानी पड़ती थी. मनोज पांडे के पिता नागपुर यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख थे. अब उनके पिता 85 वर्ष के हैं, और उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती. इसलिए दिलीप आठले और अन्य मित्र नागपुर में उनसे संपर्क में रहकर उनका हालचाल जानते रहते हैं.
हमें विश्वास था कि दोस्त एक दिन जरुर सर्वोच्च पद पर पहुंचेगा- दिलीप आठले
मनोज पांडे की मां ऑल इंडिया रेडियो के प्रसिद्ध कार्यक्रम मधुमालती की प्रसिद्ध अनाउंसर थी, कुछ साल पहले ही उनका निधन हो गया. दिलीप आठले ने बताया कि एक दिन हमारा मित्र जरूर सर्वोच्च पद पर पहुंचेगा ऐसा विश्वास हम सभी मित्रों को था. लेकिन जिस तरीके से मनोज पांडे को पिछली तीन पोस्टिंग अत्यंत आह्वानात्मक मिली थी, और उन्हें लद्दाख और चीन की सीमा का बेहतर अनुभव था, उसे देखते हुए वह जरूर आर्मी चीफ बनेंगे ऐसा विश्वास हमें था. दिलीप आठले का कहना है कि मनोज पांडे जब भी नागपुर आते हैं, तो वे मित्रों से मिलने की और कम से कम मित्र कहां है, कैसे हैं, यह जानने की कोशिश जरूर करते हैं. अब वे भारतीय सेना के प्रमुख नियुक्त हुए हैं, ऐसे में जब भी वे नागपुर आएंगे, सभी मित्र उनसे जरूर मिलना चाहेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारत के अगले सेना प्रमुख बनने जा रहे हैं. इस बीच नागपुर में उनके बचपन के दोस्तों ने खुशी जाहिर की है. मनोज पांडे नागपुर के हैं और उनका कक्षा 11 वीं तक की पढ़ाई नागपुर के केंद्रीय विद्यालय से हुई है. उसके बाद मनोज पांडे पहले एनडीए और उसके बाद इंडियन मिलिट्री एकेडमी में चले गए. वहीं से उनका उनका शिक्षण और प्रशिक्षण पूरा हुआ. उन्हें इंग्लैंड के मिलिट्री कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त करने का भी अवसर प्राप्त हुआ. उन्होंने हायर कमांड और नेशनल डिफेंस कॉलेज से भी पढ़ाई की. अपने सैन्य करियर के दौरान उन्होंने कई अहम अभियानों में हिस्सा लिया.
मनोज पांडे के दोस्तों ने जाहिर की खुशी
बालमित्र दिलीप आठले उनके साथ नर्सरी से जुड़े रहे हैं. दिलीप आठले के मुताबिक बचपन से ही मनोज पांडे पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद के क्षेत्र में भी अव्वल थे. लेकिन मित्रों के समूह में मनोज पांडे मित्रता निभाने वाले और सभी को हंसाने वाले दोस्त के रुप में आज भी जाने जाते हैं. दिलीप आठले का कहना है कि मनोज पांडे के मजाकिया स्वभाव की वजह से स्कूल में कई बार ज्यादा हंसने के लिए उनके समूह को शिक्षकों की मार भी खानी पड़ती थी. मनोज पांडे के पिता नागपुर यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख थे. अब उनके पिता 85 वर्ष के हैं, और उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती. इसलिए दिलीप आठले और अन्य मित्र नागपुर में उनसे संपर्क में रहकर उनका हालचाल जानते रहते हैं.
हमें विश्वास था कि दोस्त एक दिन जरुर सर्वोच्च पद पर पहुंचेगा- दिलीप आठले
मनोज पांडे की मां ऑल इंडिया रेडियो के प्रसिद्ध कार्यक्रम मधुमालती की प्रसिद्ध अनाउंसर थी, कुछ साल पहले ही उनका निधन हो गया. दिलीप आठले ने बताया कि एक दिन हमारा मित्र जरूर सर्वोच्च पद पर पहुंचेगा ऐसा विश्वास हम सभी मित्रों को था. लेकिन जिस तरीके से मनोज पांडे को पिछली तीन पोस्टिंग अत्यंत आह्वानात्मक मिली थी, और उन्हें लद्दाख और चीन की सीमा का बेहतर अनुभव था, उसे देखते हुए वह जरूर आर्मी चीफ बनेंगे ऐसा विश्वास हमें था. दिलीप आठले का कहना है कि मनोज पांडे जब भी नागपुर आते हैं, तो वे मित्रों से मिलने की और कम से कम मित्र कहां है, कैसे हैं, यह जानने की कोशिश जरूर करते हैं. अब वे भारतीय सेना के प्रमुख नियुक्त हुए हैं, ऐसे में जब भी वे नागपुर आएंगे, सभी मित्र उनसे जरूर मिलना चाहेंगे.
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