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SIT has submitted its report in Supreme Court and the report stated that Ashish Mishra was present at the site when the incident took place. Take a look at the breaking news report
उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में बीते साल हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान यूपी सरकार का पक्ष रख रहे वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि आरोप गंभीर हैं लेकिन आरोपी के भागने की आशंका नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
यूपी सरकार के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा "जहां तक मेरिट का सवाल है, हम हलफनामे पर भरोसा कर रहे हैं. हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जो कुछ भी कहा, हम वही कह रहे हैं. हमने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि गवाहों को सुरक्षा प्रदान दी गई है. हमने सभी 97 गवाहों से संपर्क किया है और उन सभी ने कहा कि कोई खतरा नहीं है."
किसान बोले- रद्द हो जमानत
इसके अलावा एडवोकेट सीएस पांडा और शिव त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अशीष मिश्रा की जमानत रद्द की जाए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट, यूपी सरकार के वकील से खफा भी दिखा. दरअसल, यूपी सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि हमें शुक्रवार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट मिली और हमने इसे राज्य सरकार को भेज दिया. इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण कने कहा कि आपने चिट्ठी लिखी तो आपने कोई जवाब नहीं दिया. यह कोई ऐसी मामला नहीं है जहां आप इतना इंतजार करें.
सीजेआई एनवी रमण, जज जस्टिस सूयर्कांत और जज जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने यूपी सरकार से कहा- हमें उम्मीद ती कि राज्य सरकार एसआईटी की सिफारिश पर कार्रवाई करेगी. वहीं मृतक किसानों के परिजनों की ओर अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया जाए.
SIT has submitted its report in Supreme Court and the report stated that Ashish Mishra was present at the site when the incident took place. Take a look at the breaking news report
उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में बीते साल हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान यूपी सरकार का पक्ष रख रहे वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि आरोप गंभीर हैं लेकिन आरोपी के भागने की आशंका नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
यूपी सरकार के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा "जहां तक मेरिट का सवाल है, हम हलफनामे पर भरोसा कर रहे हैं. हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जो कुछ भी कहा, हम वही कह रहे हैं. हमने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि गवाहों को सुरक्षा प्रदान दी गई है. हमने सभी 97 गवाहों से संपर्क किया है और उन सभी ने कहा कि कोई खतरा नहीं है."
किसान बोले- रद्द हो जमानत
इसके अलावा एडवोकेट सीएस पांडा और शिव त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अशीष मिश्रा की जमानत रद्द की जाए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट, यूपी सरकार के वकील से खफा भी दिखा. दरअसल, यूपी सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि हमें शुक्रवार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट मिली और हमने इसे राज्य सरकार को भेज दिया. इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण कने कहा कि आपने चिट्ठी लिखी तो आपने कोई जवाब नहीं दिया. यह कोई ऐसी मामला नहीं है जहां आप इतना इंतजार करें.
सीजेआई एनवी रमण, जज जस्टिस सूयर्कांत और जज जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने यूपी सरकार से कहा- हमें उम्मीद ती कि राज्य सरकार एसआईटी की सिफारिश पर कार्रवाई करेगी. वहीं मृतक किसानों के परिजनों की ओर अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया जाए.
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