कश्मीर (Kashmir) में टारगेट किलिंग (Target Killing) की घटनाएं तेजी से देखने को मिल रही हैं. इन घटनाओं ने कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit), बाहरी निवासी और मजदूरों में खास डर बिठा दिया है. इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच कश्मीरी पंडित हर साल आयोजित होने वाली खीर भवानी मंदिर (Kheer Bhawani Temple) के मेले और दर्शन के आज रवाना होंगे तो वहीं कई संगठनों ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि हालात 1990 से ज्यादा बदतर हो गए हैं. जम्मू के संभागीय आयुक्त राकेश कुमार ने तीर्थ यात्रा के सुगम आयोजन के लिये किये गए प्रबंधों की शनिवार को समीक्षा की. प्रसिद्ध रग्न्या देवी मंदिर में आयोजित होने वाला वार्षिक खीर भवानी मेला विस्थापित समुदाय के सबसे बड़े धार्मिक कार्यक्रमों में से एक माना जाता है. इसका आयोजन 7 जून को किया जाएगा. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि, कुमार ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और तीर्थयात्रियों के लिए परिवहन सुविधाओं व सुरक्षा व्यवस्था सहित विभिन्न इंतजामों के बारे में गहन चर्चा की. माता खीर भवानी समिति के अनुसार इस साल यात्रा 5 जून को यहां नगरोटा से शुरू होगी ताकि तीर्थयात्री 7 जून को मेला दिवस पर धार्मिक पूजा-प्रार्थना में शामिल हो सकें.
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