महंगाई ( Inflation) के मोर्चे पर आम लोगों के लिये बुरी खबर है. जनवरी महीने में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation ) पिछले महीने के 5.66 फीसदी से बढ़कर 6.01 फीसदी पर जा पहुंची है. खुदरा महंगाई दर का ये आंकड़ा छह महीने के उच्चतम स्तर पर है.
दरअसल खाने के तेल, महंगी साग-सब्जियों और महंगे पेट्रोल, डीजल, बिजली के चलते खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. सांख्यिकी मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किये हैं. आपको बता दें खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 6 फीसदी के पार जा चुका है जो आरबीआई (RBI) के बर्दाश्त की सीमा 6 फीसदी से ऊपर है.
रिटेल महंगाई दर में उछाल उच्च उपभोक्ता वस्तुओं और टेलीकॉम टैरिफ कीमतों का भी असर है. इस बीच, खाद्य मुद्रास्फीति भी जनवरी में बढ़कर 5.43% हो गई, जो दिसंबर में 4.05% थी. जनवरी महीने में तेल और वसा खंड में मुद्रास्फीति बढ़कर 18.7% हो गई, जबकि ईंधन और बिजली में महंगाई दर जनवरी में 9.32% पर बनी रही.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि जनवरी 2022 के लिए रिटेल महंगाई दर बेस इफेक्ट के चलते 6 फीसदी ऊपरी सहिष्णुता बैंड के करीब जाने की उम्मीद है. हाल ही में समाप्त हुई मौद्रिक नीति बैठक में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में 4.5 प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है
दरअसल खाने के तेल, महंगी साग-सब्जियों और महंगे पेट्रोल, डीजल, बिजली के चलते खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. सांख्यिकी मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किये हैं. आपको बता दें खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 6 फीसदी के पार जा चुका है जो आरबीआई (RBI) के बर्दाश्त की सीमा 6 फीसदी से ऊपर है.
रिटेल महंगाई दर में उछाल उच्च उपभोक्ता वस्तुओं और टेलीकॉम टैरिफ कीमतों का भी असर है. इस बीच, खाद्य मुद्रास्फीति भी जनवरी में बढ़कर 5.43% हो गई, जो दिसंबर में 4.05% थी. जनवरी महीने में तेल और वसा खंड में मुद्रास्फीति बढ़कर 18.7% हो गई, जबकि ईंधन और बिजली में महंगाई दर जनवरी में 9.32% पर बनी रही.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि जनवरी 2022 के लिए रिटेल महंगाई दर बेस इफेक्ट के चलते 6 फीसदी ऊपरी सहिष्णुता बैंड के करीब जाने की उम्मीद है. हाल ही में समाप्त हुई मौद्रिक नीति बैठक में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में 4.5 प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 5.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है
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