Ghanti Bajao with Akhilesh Anand | डॉक्टरों की हड़ताल...मरीज बेहाल! सरकार से लड़ाई की सजा मरीजों को क्यों?
बिहार की राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स ने स्ट्राइक 'कॉल ऑफ' कर लिया है. इस संबंध में बताया गया कि सोमवार को बिहार स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर द्वारा डॉक्टरों के साथ बातचीत की गई. इसकी मध्यस्थता पीएमसीएच सुपरिटेंडेंट डॉ. एस ठाकुर कर रहे थे. बातचीत के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जूनियर डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने के संबंध में एक आदेश पास किया गया. साथ ही इंटर्नों के स्टाइपेंड को बढ़ाने के लिए 15 जनवरी, 2022 तक का समय मांगा गया है.
फिर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी
मिली जानकारी अनुसार विभाग के इस पहल पर सभी जूनियर डॉक्टर और इंटर्न आपस में एक निष्कर्ष पर आए कि वे सोमवार रात 10 बजे से वापस काम पर लौटेंगे. साथ ही उन्होंने सरकार से अपील है कि उनकी शेष मांग जिसमें इंटर्न के स्टाइपेंड की वृद्धि मुख्य रूप से शामिल है, उसे 15 जनवरी, 2022 तक पूरा किया जाए. ऐसा नहीं होने की स्थिति में वे फिर से हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे.
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बता दें कि बीते आठ दिसंबर से ही पांच सूत्री मांगों को लेकर पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस के इंटर्न हड़ताल पर चले गए थे. पांच सूत्री मांगों को लेकर ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी और सर्जरी में भी योगदान नहीं देने का निर्णय लिया गया था. इस संबंध में पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कुंदन कुमार ने कहा था कि देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर आने वाली है.
उन्होंने कहा था कि इस स्थिति में देश के सभी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की जरूरत ज्यादा पड़ेगी. लेकिन अस्पतालों में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. बीमारी ज्यादा फैलेगी तो ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे हालात में हम लोग कितना काम करेंगे. इसलिए जूनियर डॉक्टरों को बहाल करने की जरूरत है. हमने जनता की भलाई के लिए स्ट्राइक किया है. हालांकि, विभाग से वार्ता के बाद फिलहाल हड़ताल खत्म कर दिया गया है.
बिहार की राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स ने स्ट्राइक 'कॉल ऑफ' कर लिया है. इस संबंध में बताया गया कि सोमवार को बिहार स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर द्वारा डॉक्टरों के साथ बातचीत की गई. इसकी मध्यस्थता पीएमसीएच सुपरिटेंडेंट डॉ. एस ठाकुर कर रहे थे. बातचीत के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जूनियर डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने के संबंध में एक आदेश पास किया गया. साथ ही इंटर्नों के स्टाइपेंड को बढ़ाने के लिए 15 जनवरी, 2022 तक का समय मांगा गया है.
फिर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी
मिली जानकारी अनुसार विभाग के इस पहल पर सभी जूनियर डॉक्टर और इंटर्न आपस में एक निष्कर्ष पर आए कि वे सोमवार रात 10 बजे से वापस काम पर लौटेंगे. साथ ही उन्होंने सरकार से अपील है कि उनकी शेष मांग जिसमें इंटर्न के स्टाइपेंड की वृद्धि मुख्य रूप से शामिल है, उसे 15 जनवरी, 2022 तक पूरा किया जाए. ऐसा नहीं होने की स्थिति में वे फिर से हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे.
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बता दें कि बीते आठ दिसंबर से ही पांच सूत्री मांगों को लेकर पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस के इंटर्न हड़ताल पर चले गए थे. पांच सूत्री मांगों को लेकर ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी और सर्जरी में भी योगदान नहीं देने का निर्णय लिया गया था. इस संबंध में पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कुंदन कुमार ने कहा था कि देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर आने वाली है.
उन्होंने कहा था कि इस स्थिति में देश के सभी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की जरूरत ज्यादा पड़ेगी. लेकिन अस्पतालों में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. बीमारी ज्यादा फैलेगी तो ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे हालात में हम लोग कितना काम करेंगे. इसलिए जूनियर डॉक्टरों को बहाल करने की जरूरत है. हमने जनता की भलाई के लिए स्ट्राइक किया है. हालांकि, विभाग से वार्ता के बाद फिलहाल हड़ताल खत्म कर दिया गया है.
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