महाराष्ट्र के मुंबई में लगातार तीसरे दिन कोरोना के नए मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. मुंबई में शनिवार को 10,661 नए मामले सामने आए. इससे पहले शुक्रवार को 11,317 नए मिरीज मिले थे. इसके साथ ही 5 महीने के बाद मुंबई में इतने मामले दर्ज किए गए थे. मुंबई में आज मार्च 2020 से लेकर अब तक के कुल कोरोना मामलों की संख्या 10 लाख के पार पहुंचने की संभावना है. इस बीच पूरे महाराष्ट्र में भी कोरोना मामलों में थोड़ी कमी आई है.
महाराष्ट्र में शुक्रवार को 43,211 मामले सामने आए थे, वहीं शनिवार को 42,462 नए केस रिकॉर्ड किए गए. मुंबई में 2 से 8 जनवरी के बीच 1,02,409 नए मामले सामने आए थे, जबकि 9 से 15 जनवरी के बीच 96,869 नए मरीज मिले. राज्य सरकार के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी का कहना है कि मुंबई में कोरोना पीक पर पहुंच गया है या शायद पीक खत्म हो रहा है, क्योंकि अब मामलों में गिरावट हो रही है. हालांकि अभी भी एक हफ्ते का इंतजार करना होगा. उसके बाद ही हम स्थिति का सही आकलन कर सकेंगे.
मुंबई में जनवरी के पहले सप्ताह में आए थे 1,87,665 नए केस
वहीं बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में 20,000 से अधिक मामले देखे गए, लेकिन दूसरे सप्ताह में संख्या में गिरावट आई है. पूरे महाराष्ट्र की बात करें तो केस बढ़े हैं. 9-15 से जनवरी के बीच प्रदेश में 2,91,084 मामले सामने आए, वहीं पहले सप्ताह में 1,87,665 नए केस मिले थे. जनवरी के दूसरे सप्ताह में पुणे, नागपुर और राज्य के अन्य जिलों में मामले बढ़े हैं. मुंबई में सक्रिय मामलों की संख्या इस समय 73,518 है और कम हो रही है.
अगले हफ्ते में हो सकती है नए मामलों में गिरावट
वहीं महाराष्ट्र में सक्रिय मामले 2,64,441 हैं और बढ़ोतरी हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन के मामलों का अनुभव हर शहरों में अलग-अलग है. अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि आने वाले सप्ताह में मामले 10,000 से नीचे जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन से रिकवरी बहुत जल्दी होती है और शनिवार को नायर अस्पताल के अधिकांश मरीजों ने कहा कि वे बहुत कम दवा ही ले रहे हैं और रिकवर कर रहे हैं.
डॉक्टर अभी भी चिंतित
इस बीच मुंबई में डॉक्टर अभी भी चिंता जाहिर कर रहे हैं. नायर अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि हमने पिछले कुछ महीनों में मुंबई में एक या दो मौतें दर्ज की हैं. लेकिन पिछले सप्ताह में मौतों की संख्या बढ़कर 7 या उससे अधिक हो गई है. मुंबई में 1 अगस्त को 10 मौतें हुईं और 29 जुलाई को 13 मौतें हुईं थी. दूसरी लहर के दौरान अप्रैल 2021 में पीक पर 10,000 से अधिक मामले आए थे, जबकि मौतें मई में पीक पर थीं. उन्होंने कहा कि हमें आने वाले सप्ताह में सतर्क रहना होगा.
महाराष्ट्र में शुक्रवार को 43,211 मामले सामने आए थे, वहीं शनिवार को 42,462 नए केस रिकॉर्ड किए गए. मुंबई में 2 से 8 जनवरी के बीच 1,02,409 नए मामले सामने आए थे, जबकि 9 से 15 जनवरी के बीच 96,869 नए मरीज मिले. राज्य सरकार के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी का कहना है कि मुंबई में कोरोना पीक पर पहुंच गया है या शायद पीक खत्म हो रहा है, क्योंकि अब मामलों में गिरावट हो रही है. हालांकि अभी भी एक हफ्ते का इंतजार करना होगा. उसके बाद ही हम स्थिति का सही आकलन कर सकेंगे.
मुंबई में जनवरी के पहले सप्ताह में आए थे 1,87,665 नए केस
वहीं बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में 20,000 से अधिक मामले देखे गए, लेकिन दूसरे सप्ताह में संख्या में गिरावट आई है. पूरे महाराष्ट्र की बात करें तो केस बढ़े हैं. 9-15 से जनवरी के बीच प्रदेश में 2,91,084 मामले सामने आए, वहीं पहले सप्ताह में 1,87,665 नए केस मिले थे. जनवरी के दूसरे सप्ताह में पुणे, नागपुर और राज्य के अन्य जिलों में मामले बढ़े हैं. मुंबई में सक्रिय मामलों की संख्या इस समय 73,518 है और कम हो रही है.
अगले हफ्ते में हो सकती है नए मामलों में गिरावट
वहीं महाराष्ट्र में सक्रिय मामले 2,64,441 हैं और बढ़ोतरी हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन के मामलों का अनुभव हर शहरों में अलग-अलग है. अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि आने वाले सप्ताह में मामले 10,000 से नीचे जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन से रिकवरी बहुत जल्दी होती है और शनिवार को नायर अस्पताल के अधिकांश मरीजों ने कहा कि वे बहुत कम दवा ही ले रहे हैं और रिकवर कर रहे हैं.
डॉक्टर अभी भी चिंतित
इस बीच मुंबई में डॉक्टर अभी भी चिंता जाहिर कर रहे हैं. नायर अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि हमने पिछले कुछ महीनों में मुंबई में एक या दो मौतें दर्ज की हैं. लेकिन पिछले सप्ताह में मौतों की संख्या बढ़कर 7 या उससे अधिक हो गई है. मुंबई में 1 अगस्त को 10 मौतें हुईं और 29 जुलाई को 13 मौतें हुईं थी. दूसरी लहर के दौरान अप्रैल 2021 में पीक पर 10,000 से अधिक मामले आए थे, जबकि मौतें मई में पीक पर थीं. उन्होंने कहा कि हमें आने वाले सप्ताह में सतर्क रहना होगा.
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