बच्चों की वैक्सीन के आने इंतजार कर रहे पैरेंट्स के लिए यह राहत भरी खबर है. अब 2 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लग पाएगी. कोवैक्सीन की दो डोज बच्चों की लगाई जाएगी. CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने 2 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन देने की ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से सिफारिश की है. जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन से इम्यून सिस्टम डेवलप होगा और इसके कोई साइड इफैक्ट्स भी देखने को नहीं मिले हैं.
#CoronavirusIndiaUpdate #Covaxin #HindiNews #CoronaUpdate #COVID19
2 से 18 साल के बच्चों पर भारत में दूसरे और तीसर चरण का ट्रायल शुरू हुआ था. सोमवार को हुई बैठक में कोवैक्सीन को लेकर यह फैसला किया गया है. एसईसी ने अपनी सिफारिश ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया को उसकी सिफारिश के लिए भेजी है. गौरतलब है कि बच्चे कोरोना महामारी के चलते लंबे वक्त से स्कूल नहीं जा पा रहे है. बच्चों को ऑनलाइन क्लास करना पड़ रहा है. कई मामले आए है जब बच्चों को ऑनलाइन क्लास की वजह से आंखों पर असर पड़ रहा है.
इससे पहले, अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर और बायोएनटेक ने 5 से 11 सालों के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अमेरिकी ड्रग्स रेगुलेटर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इजाजत मांगी है. इस कदम से अमेरिका के करीब 2 करोड़ 80 लाख बच्चों को वैक्सीन से सुरक्षा मिल पाएगी. फाइजर ने कहा कि उनकी तरफ से एफडीए को इसके समर्थन में डेटा जमा करा दिए गए हैं. दवा निर्माता कंपनी के अनुरोध पर फौरन ड्रग्स रेगुलेटर की तरफ से कदम उठाते हुए 26 अक्टूबर को बैठक निर्धारित की गई है.
अमेरिका में पैरेंट्स रेगुलेटर्स के फैसले का बड़ी ही बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनके पारिवारिक जीवन और स्कूलों के ऑपरेशन पर सकारात्मक असर पड़ सकता है. इसकी मंजूरी ना सिर्फ क्लिनिक डेटा पर निर्भर करता हैं बल्कि उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि क्या वे नियामकों को साबित कर सकते हैं कि वे एक नए बाल चिकित्सा फॉर्मूलेशन को ठीक से बनाने में सक्षम हैं.
त्योहारों पर बरते सावधानियां
आगामी त्योहारों को देखते हुए लोगों से लगातार कोरोना से बचने के लिए सावधानियां बरतने की अपील की जा रही है. नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सीनियर मेंबर डॉक्टर एन.के. अरोड़ा ने कहा- ये हमारे जीवन का अंतरंग हिस्सा है. जब से हम पैदा हुए हैं, ये हर साल आते हैं. लेकिन यह एक महामारी है. उन्होंने कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल में लोगों ने संयम दिखाया. अगर आने वाले एक साल और लोगों ने संयम दिखाएं तो यह बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब खाली सामाजिक दूरी नहीं बल्कि भीड़भाड़ नहीं बढ़ाना है.
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2 से 18 साल के बच्चों पर भारत में दूसरे और तीसर चरण का ट्रायल शुरू हुआ था. सोमवार को हुई बैठक में कोवैक्सीन को लेकर यह फैसला किया गया है. एसईसी ने अपनी सिफारिश ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया को उसकी सिफारिश के लिए भेजी है. गौरतलब है कि बच्चे कोरोना महामारी के चलते लंबे वक्त से स्कूल नहीं जा पा रहे है. बच्चों को ऑनलाइन क्लास करना पड़ रहा है. कई मामले आए है जब बच्चों को ऑनलाइन क्लास की वजह से आंखों पर असर पड़ रहा है.
इससे पहले, अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर और बायोएनटेक ने 5 से 11 सालों के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अमेरिकी ड्रग्स रेगुलेटर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इजाजत मांगी है. इस कदम से अमेरिका के करीब 2 करोड़ 80 लाख बच्चों को वैक्सीन से सुरक्षा मिल पाएगी. फाइजर ने कहा कि उनकी तरफ से एफडीए को इसके समर्थन में डेटा जमा करा दिए गए हैं. दवा निर्माता कंपनी के अनुरोध पर फौरन ड्रग्स रेगुलेटर की तरफ से कदम उठाते हुए 26 अक्टूबर को बैठक निर्धारित की गई है.
अमेरिका में पैरेंट्स रेगुलेटर्स के फैसले का बड़ी ही बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनके पारिवारिक जीवन और स्कूलों के ऑपरेशन पर सकारात्मक असर पड़ सकता है. इसकी मंजूरी ना सिर्फ क्लिनिक डेटा पर निर्भर करता हैं बल्कि उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि क्या वे नियामकों को साबित कर सकते हैं कि वे एक नए बाल चिकित्सा फॉर्मूलेशन को ठीक से बनाने में सक्षम हैं.
त्योहारों पर बरते सावधानियां
आगामी त्योहारों को देखते हुए लोगों से लगातार कोरोना से बचने के लिए सावधानियां बरतने की अपील की जा रही है. नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के सीनियर मेंबर डॉक्टर एन.के. अरोड़ा ने कहा- ये हमारे जीवन का अंतरंग हिस्सा है. जब से हम पैदा हुए हैं, ये हर साल आते हैं. लेकिन यह एक महामारी है. उन्होंने कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल में लोगों ने संयम दिखाया. अगर आने वाले एक साल और लोगों ने संयम दिखाएं तो यह बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब खाली सामाजिक दूरी नहीं बल्कि भीड़भाड़ नहीं बढ़ाना है.
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