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कुछ महीनों बाद एक नया कोविड वेरिएंट सामने आ जाता है और यह पता करना मुश्किल होता है कि हमें इन्हें लेकर कितना चिंतित होना चाहिए. हाल ही में नया रीकॉम्बिनेंट वेरिएंट 'ओमिक्रोन XE' सामने आया है. इसमें दो ओमिक्रोन स्ट्रेंन साथ आ गए हैं और लोगों को इन्फेक्ट कर रहे हैं.
पहले थोड़ा ओमिक्रोन और उसके वेरिएंट्स के बारे में जान लीजिए
रीकॉम्बिनेंट क्या होता है?
रीकॉम्बिनेंट यानी वो तरीका, जहां वायरस आपस में जेनेटिक मटीरियल एक्सचेंज करते हैं ताकि दोनों पेरेंट वायरस से जेनेटिक मटीरियल के साथ वंश आगे बढ़ा सकें. ऐसा तब होता है, जब दो अलग स्ट्रेंस (वेरिएंट्स या सब वेरिएंट्स) एक ही सेल को एक साथ इन्फेक्ट करते हैं.
वायरस के जेनेटिक मटीरियल मिक्स हो जाते हैं, जिससे नया रीकॉम्बिनेंट वायरस का जन्म होता है. इसमें दोनों पेरेंट वायरस के गुण होते हैं. रीकॉम्बिनेंट वायरस के गुण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि पेरेंट वायरस से जेनेटिक मटीरियल का कौन का हिस्सा नए वर्जन में आया है.
जब डेल्टा और ओमिक्रोन साथ आए तो उसे डेल्टाक्रोन कहा गया. इस तरह का रीकॉम्बिनेंट पहली बार फरवरी में फ्रांस में पाया गया था और इसमें जेनेटिक सीक्वेंस डेल्टा जैसा था लेकिन स्पाइक प्रोटीन ओमिक्रोन के BA.1 जैसे थे.
XE क्या है और ये कहां फैल रहा है?
XE BA.1 BA.2 का रीकॉम्बिनेशन है. BA.1 और BA.2 के कई अन्य भी रीकॉम्बिनेंट्स हैं जैसे यूके में XQ, जर्मनी में XG, डेनमार्क में XJ और बेल्जियम में XK. जहां एक्सई में अभी भी कुल मामलों का एक छोटा अनुपात शामिल है, वहीं इसने इंग्लैंड में जनवरी में कम्युनिटी स्प्रेड के सबूत दिए थे. वहां 1100 मामले रिकॉर्ड हुए थे.
यह भारत, चीन और थाइलैंड में भी डिटेक्ट हुआ था. शुरुआती तौर पर XE का ग्रोथ रेट BA.2 से काफी भिन्न नहीं दिखाई दी. लेकिन ब्रिटेन से आया ताजा डेटा कहता है कि इसकी विकास दर BA.2 से लगभग 10 से 20% अधिक है.
यह डेटा प्रारंभिक है और छोटे आंकड़ों पर आधारित है, इसलिए अधिक जानकारी मिलने पर इसमें बदलाव हो सकता है. अगर यह सच है, तो इसका मतलब है कि XE के BA.2 की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक होने की संभावना है, जो BA.1 की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक था, जो डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक था.
क्या हमें चिंतित होना चाहिए?
हमारी इम्युनिटी जो COVID-19 से बचाने का काम करती है, वो टीकाकरण या पिछले इन्फेक्शन से पैदा होती है. यह ज्यादातर स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती है. यह देखते हुए कि XE में मूल रूप से BA.2 के जैसा ही स्पाइक प्रोटीन है, ऐसा नहीं लगता है कि XE के खिलाफ हमारी इम्युनिटी काफी कम हो जाएगी.
हालांकि कुछ पब्लिक हेल्थ एजेंसियां और एक्सपर्ट्स के समूहों को इस पर नजर रखनी चाहिए. हालांकि इसमें ऐसा कुछ अप्रत्याशित नहीं है, जो हम दुनियाभर में देखते आ रहे हैं. इसलिए यह आम जनता के लिए ज्यादा खतरे वाली चीज नहीं है.
कुछ महीनों बाद एक नया कोविड वेरिएंट सामने आ जाता है और यह पता करना मुश्किल होता है कि हमें इन्हें लेकर कितना चिंतित होना चाहिए. हाल ही में नया रीकॉम्बिनेंट वेरिएंट 'ओमिक्रोन XE' सामने आया है. इसमें दो ओमिक्रोन स्ट्रेंन साथ आ गए हैं और लोगों को इन्फेक्ट कर रहे हैं.
पहले थोड़ा ओमिक्रोन और उसके वेरिएंट्स के बारे में जान लीजिए
रीकॉम्बिनेंट क्या होता है?
रीकॉम्बिनेंट यानी वो तरीका, जहां वायरस आपस में जेनेटिक मटीरियल एक्सचेंज करते हैं ताकि दोनों पेरेंट वायरस से जेनेटिक मटीरियल के साथ वंश आगे बढ़ा सकें. ऐसा तब होता है, जब दो अलग स्ट्रेंस (वेरिएंट्स या सब वेरिएंट्स) एक ही सेल को एक साथ इन्फेक्ट करते हैं.
वायरस के जेनेटिक मटीरियल मिक्स हो जाते हैं, जिससे नया रीकॉम्बिनेंट वायरस का जन्म होता है. इसमें दोनों पेरेंट वायरस के गुण होते हैं. रीकॉम्बिनेंट वायरस के गुण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि पेरेंट वायरस से जेनेटिक मटीरियल का कौन का हिस्सा नए वर्जन में आया है.
जब डेल्टा और ओमिक्रोन साथ आए तो उसे डेल्टाक्रोन कहा गया. इस तरह का रीकॉम्बिनेंट पहली बार फरवरी में फ्रांस में पाया गया था और इसमें जेनेटिक सीक्वेंस डेल्टा जैसा था लेकिन स्पाइक प्रोटीन ओमिक्रोन के BA.1 जैसे थे.
XE क्या है और ये कहां फैल रहा है?
XE BA.1 BA.2 का रीकॉम्बिनेशन है. BA.1 और BA.2 के कई अन्य भी रीकॉम्बिनेंट्स हैं जैसे यूके में XQ, जर्मनी में XG, डेनमार्क में XJ और बेल्जियम में XK. जहां एक्सई में अभी भी कुल मामलों का एक छोटा अनुपात शामिल है, वहीं इसने इंग्लैंड में जनवरी में कम्युनिटी स्प्रेड के सबूत दिए थे. वहां 1100 मामले रिकॉर्ड हुए थे.
यह भारत, चीन और थाइलैंड में भी डिटेक्ट हुआ था. शुरुआती तौर पर XE का ग्रोथ रेट BA.2 से काफी भिन्न नहीं दिखाई दी. लेकिन ब्रिटेन से आया ताजा डेटा कहता है कि इसकी विकास दर BA.2 से लगभग 10 से 20% अधिक है.
यह डेटा प्रारंभिक है और छोटे आंकड़ों पर आधारित है, इसलिए अधिक जानकारी मिलने पर इसमें बदलाव हो सकता है. अगर यह सच है, तो इसका मतलब है कि XE के BA.2 की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक होने की संभावना है, जो BA.1 की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक था, जो डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक था.
क्या हमें चिंतित होना चाहिए?
हमारी इम्युनिटी जो COVID-19 से बचाने का काम करती है, वो टीकाकरण या पिछले इन्फेक्शन से पैदा होती है. यह ज्यादातर स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती है. यह देखते हुए कि XE में मूल रूप से BA.2 के जैसा ही स्पाइक प्रोटीन है, ऐसा नहीं लगता है कि XE के खिलाफ हमारी इम्युनिटी काफी कम हो जाएगी.
हालांकि कुछ पब्लिक हेल्थ एजेंसियां और एक्सपर्ट्स के समूहों को इस पर नजर रखनी चाहिए. हालांकि इसमें ऐसा कुछ अप्रत्याशित नहीं है, जो हम दुनियाभर में देखते आ रहे हैं. इसलिए यह आम जनता के लिए ज्यादा खतरे वाली चीज नहीं है.
- Category
- Asia
- Tags
- corona xe variant, omicron xe variant, xe corona variant
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