उत्तराखंड के वन मंत्री रहे हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया और इसके बाद उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी 6 साल के लिए निष्कासित भी कर दिया गया है. जिसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबरें हैं. चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने उन पर ये कार्रवाई की हैं, आखिर ऐसी क्या वजह रही हैं कि बीजेपी चुनाव से पहले ये कार्रवाई करनी पड़ी इसकी असल वजह खुद सीएम धामी ने बताई हैं.
क्यों निकाले गए हरक सिंह रावत?
दरअसल हरक सिंह रावत अपने करीबियों के लिए टिकट मांग रहे थे. जिसे लेकर वो लगातार पार्टी पर दबाव भी बना रहे थे. सीएम धामी ने कहा कि "वो हमारी पार्टी में आए, उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ चलने वाली पार्टी है. कई बार उनकी कुछ बातों से हम असहज हुए. स्थितियां ऐसी हुई कि वो पार्टी पर दबाव बना रहे थे, जिसके बाद पार्टी ने ये फैसला लिया है." इसके साथ ही धामी ने एक बार फिर से कहा कि अब बीजेपी एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देगी.
करीबियों के लिए टिकट मांग रहे थे हरक सिंह
इससे पहले उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए हुई कोर ग्रुप की बैठक में भी हरक सिंह रावत नहीं पहुंचे थे. इस बैठक में सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा हुई थी. उनकी नाराजगी दो टिकटों को लेकर थी. उन्होंने पार्टी के सामने अपने अलावा दो और करीबियो के लिए टिकट की मांग की थी. इनमें से एक टिकट उन्होंने अपनी बहू अनुकृति गुसाई के लिए मांगा था. लेकिन बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी हैं कि इस बार चुनाव में एक परिवार से किसी एक सदस्यो को ही टिकट दिया जाएगा. यही नहीं भाजपा संगठन भी उनसे नाराज बताया जा रहा था.
क्यों निकाले गए हरक सिंह रावत?
दरअसल हरक सिंह रावत अपने करीबियों के लिए टिकट मांग रहे थे. जिसे लेकर वो लगातार पार्टी पर दबाव भी बना रहे थे. सीएम धामी ने कहा कि "वो हमारी पार्टी में आए, उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ चलने वाली पार्टी है. कई बार उनकी कुछ बातों से हम असहज हुए. स्थितियां ऐसी हुई कि वो पार्टी पर दबाव बना रहे थे, जिसके बाद पार्टी ने ये फैसला लिया है." इसके साथ ही धामी ने एक बार फिर से कहा कि अब बीजेपी एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देगी.
करीबियों के लिए टिकट मांग रहे थे हरक सिंह
इससे पहले उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए हुई कोर ग्रुप की बैठक में भी हरक सिंह रावत नहीं पहुंचे थे. इस बैठक में सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा हुई थी. उनकी नाराजगी दो टिकटों को लेकर थी. उन्होंने पार्टी के सामने अपने अलावा दो और करीबियो के लिए टिकट की मांग की थी. इनमें से एक टिकट उन्होंने अपनी बहू अनुकृति गुसाई के लिए मांगा था. लेकिन बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी हैं कि इस बार चुनाव में एक परिवार से किसी एक सदस्यो को ही टिकट दिया जाएगा. यही नहीं भाजपा संगठन भी उनसे नाराज बताया जा रहा था.
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