कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक दलित नेता और लगातार तीन बार विधायक रहे चरणजीत सिंह चन्नी को अगला मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि चन्नी की अगुवाई वाली सरकार में दो उप मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं. एक उप मुख्यमंत्री हिंदू और दूसरा उप मुख्यमंत्री जट सिख समुदाय से होगा. सूत्रों के अनुसार, जट सिख सुखजिंदर रंधावा डिप्टी सीएम बन सकते हैं. हिंदू चेहरे के तौर पर विजय सिंगला, भारत भूषण आशु और ब्रह्म मोहिंद्रा का नाम सबसे आगे है. अगर आज नाम तय हो जाते हैं, तो डिप्टी सीएम का शपथग्रहण भी आज होगा.
#CharanjitSinghChanni #PunjabCM #PunjabElections
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. 58 साल के चन्नी सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चन्नी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल से मिलने के बाद चन्नी ने बताया कि राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए सोमवार सुबह 11 बजे बुलाया है.
सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी.
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की. वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे. विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में है. प्रदेश में 30 फीसदी से अधिक दलित आबादी है.
कांग्रेस का यह कदम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि बीजेपी ने पहले कहा था कि पंजाब में उसकी सरकार बनने पर दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. बीएसपी के साथ गठबंधन करने वाले शिरोमणि अकाली दल ने दलित उप मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है. आम आदमी पार्टी भी दलित समुदाय को लुभाने के लिए लगातार प्रयासरत है.
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चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. 58 साल के चन्नी सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चन्नी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल से मिलने के बाद चन्नी ने बताया कि राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए सोमवार सुबह 11 बजे बुलाया है.
सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी.
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की. वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे. विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में है. प्रदेश में 30 फीसदी से अधिक दलित आबादी है.
कांग्रेस का यह कदम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि बीजेपी ने पहले कहा था कि पंजाब में उसकी सरकार बनने पर दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. बीएसपी के साथ गठबंधन करने वाले शिरोमणि अकाली दल ने दलित उप मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है. आम आदमी पार्टी भी दलित समुदाय को लुभाने के लिए लगातार प्रयासरत है.
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